Unfortunate accident in mother's court
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माता के दरबार में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा  

माता के दरबार में दुर्भाग्यपूर्ण हादसा  

Unfortunate accident in mother's court

जब नए साल की पहली सुबह हो चुकी थी, तब माता वैष्णो देवी के आंगण में मातम पसर चुका था, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्ष की पहली सुबह ही लोगों को ऐसी खबर सुनने को मिली, जिसने उन्हें दुख और क्षोभ से भर दिया। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए 12 निर्दोष श्रद्धालुओं को उस भगदड़ ने लील लिया, जोकि किन्हीं दो-तीन लोगों के बीच झगड़े के बाद मची थी। इस हादसे में 14 लोगों के घायल होने की भी रपट है। पूरा देश इस घटना को जानकर सन्न रह गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और दूसरे गणमान्य लोगों ने हादसे पर दुख जताया। जाहिर है, जो लोग पंक्तिबद्ध होकर माता के दर्शनों की आकांक्षा रखे हुए थे, उन्हें इसका अंदाजा तक नहीं था कि कुछ ही पलों में ऐसा कुछ घटने वाला है, जोकि उनके जीवन पर भारी पड़ेगा। उन लोगों के परिजनों जोकि घरों में उनके लौटने का इंतजार कर रहे थे और जिन्हें उस प्रसाद की आकांक्षा थी जोकि लौटते हुए वे लेकर आने वाले थे, को अब उनके दुखद निधन की सूचना मिल रही है। कहते हैं, माता वैष्णो देवी वही जा पाते हैं, जिन्हें बुलावा आता है। ऐसे में वे लोग जोकि इस हादसे में मारे गए या फिर घायल हो गए हैं, को भी माता के दरबार से ही बुलाया आया था, लेकिन इस हादसे ने उनके परिजनों और कुछ खुद को ऐसा आघात दिया है, जिसे वे अब पूरा जीवन नहीं भूल पाएंगे।  

   बताया गया है कि मंदिर में कुछ युवकों के बीच विवाद था। इनमें से किसी को धक्का दिया गया और इस दौरान लोग भागने लगे। इस विवाद के चलते भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई और 12 लोग मारे गए। हादसे में 14 लोग जख्मी हुए हैं, जिन्हें वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के बाद यात्रा कुछ देर के लिए रोकी गई थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू कर दिया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस हादसे के संबंध में अधिकारियों से जानकारी हासिल की है, वहीं केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा घायलों को भी 50 हजार की मदद का फैसला लिया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है।

   माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए अब पहले की तुलना में व्यापक सहूलियत   प्रदान की गई हैं। इसके बावजूद भगदड़ जैसी घटना घटना जम्मू-कश्मीर प्रशासन और माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के लिए गहन जांच का विषय होना चाहिए। उन संबंधित युवकों की पहचान की जानी चाहिए, जिनकी वजह से ऐसा बड़ा हादसा घट गया। यह मामला तब और भी डरावना हो जाता है, जब यह मालूम होता है कि घटना रात के समय करीब 2.30 बजे घटी। जाहिर है, नववर्ष पर धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ होती है, प्रत्येक जन अपने आराध्य से शुभ की कामना करते हुए आशीर्वाद चाहता है। माता वैष्णो देवी में वर्ष के 12 महीने श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहता है, लेकिन कभी कोई ऐसी घटना घटते यहां नहीं देखा गया, लेकिन अब साल के पहले ही दिन इस हादसे ने सभी को झकझोर दिया। बताया गया है कि हादसे के समय भीड़ बहुत अधिक थी। दर्शन के लिए जाने वाले और दर्शन करके निकल रहे लोग एक-दूसरे से टकराते हुए चल रहे थे। यह तब है, जब कोरोना वायरस की तीसरी लहर दस्तक दे रही है। वैसे, इस मामले में बोर्ड प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है, जिसने भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया था। यहां चश्मदीदों का कहना है कि रास्ते में उनकी कहीं पर्ची की जांच नहीं हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों और श्राइन बोर्ड कर्मियों की कमी थी।

   घटना के समय मंदिर में करीब 70 से 80 हजार श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचे थे। एक स्थानीय दुकानदार ने चश्मदीदों के हवाले से यह भी कहा है कि श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की संख्या तय नहीं की थी। उन्होंने कहा कि त्रिकुटा हिल्स में ज्यादा श्रद्धालु नहीं ठहर सकते हैं। ऐसे में उन्हें कटरा बेस कैंप में ही रोकना चाहिए था और उनकी लिमिट तय करनी चाहिए थी। जाहिर है, जम्मू-कश्मीर प्रशासन इस पूरे प्रकरण की जांच सुनिश्चित करेगा और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। उन क्षणों में जो घटा वह दुखद है, लेकिन उन यात्रियों की संख्या, उनके आगे बढऩे की इजाजत, उस दौरान कितने लोगों की वहां मौजूदगी चाहिए थी, आदि के संबंध में पूरा ब्योरा प्रशासन को देना होगा। इस मामले ने उन लाखों श्रद्धालुओं के विश्वास को आघात पहुंचाया है जोकि अपनी मनोकामनाओं के लिए माता के दर्शनों के लिए वहां जाते हैं, अगर माता वैष्णो देवी जोकि जीवन का आधार हैं, जिनके दर्शनों से शुभत्व की प्राप्ति होती है और जो हमें कर्म की सात्वित्कता का आशीर्वाद प्रदान करती हैं, अगर वहां इस प्रकार का असुरक्षित माहौल मिलेगा तो फिर बहुत से श्रद्धालु आशंकित होंगे। ऐसे में यह जरूरी है कि नए सिरे से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के आगमन का प्रोटोकॉल तैयार हो। वहीं आजकल बढ़ते कोरोना, ओमिक्रॉन संक्रमण के मद्देनजर भी सख्त कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।